By | December 22, 2024
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हरियाणा चुनाव EVM धांधली: चीफ जस्टिस खन्ना ने याचिका वापस भेजी, सुनवाई 20 जनवरी 2025!

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Big BREAKING

हरियाणा चुनाव हुई EVM धांधली की याचिका चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने वापस जस्टिस दीपांकर दत्ता के पास भेजी और अब सुनवाई 20 जनवरी 2025 को होगी।

संजीव खन्ना जी ने अपने ही आदेश को पालन करवाना था तो उसको ट्रांसफर क्यों किया?

इतनी महत्वपूर्ण याचिका का बार बार तारीख पे https://t.co/RO1z25VZRs


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Breaking News: Haryana Election EVM Fraud Case Update

In a significant development regarding the Haryana elections, the Chief Justice Sanjeev Khanna has sent back the petition concerning alleged Electronic Voting Machine (EVM) fraud to Justice Deepankar Dutta. This case, which has garnered considerable attention, is now scheduled for a hearing on January 20, 2025. The move to transfer such a crucial petition raises questions and concerns regarding judicial processes and the implications for electoral integrity.

The initial petition filed alleged that there were irregularities and potential manipulation in the use of EVMs during the Haryana elections. The gravity of the accusations surrounding EVM fraud has led to widespread public interest and debate, prompting legal scrutiny. Many are questioning the rationale behind transferring the case back to Justice Dutta, especially since it involves ensuring adherence to the Chief Justice’s previous orders.

Critics have pointed out the implications of repeatedly delaying hearings on such an important issue. The integrity of electoral processes is fundamental to democracy, and any suggestion of tampering with EVMs raises alarms about the fairness of elections. This incident comes at a time when discussions around electoral reforms and the reliability of voting technology are more pertinent than ever.

The decision to transfer the case has spurred discussions on social media, with legal experts and political commentators analyzing the implications. Some are questioning whether the transfer reflects a lack of urgency regarding the serious allegations, while others suggest it could be a strategic move to ensure a more thorough examination of the evidence presented.

As the January 2025 hearing approaches, the spotlight remains on the judiciary’s role in addressing allegations of electoral fraud. The outcome of this case could have far-reaching consequences for future elections and public confidence in the electoral process. The public’s trust in EVMs is a critical factor in ensuring voter participation and engagement in the democratic process.

In conclusion, the Haryana election EVM fraud case is a pivotal moment that highlights the intersection of technology, law, and democracy. The upcoming hearings will be crucial in determining the future of electoral integrity in India. Stakeholders, including political parties, civil society, and the electorate, are closely monitoring the situation, anticipating that the judiciary will uphold the principles of justice and transparency.

This development also emphasizes the need for ongoing dialogue about electoral reforms and the secure use of technology in elections. With the hearing set for January 2025, all eyes will be on the courts to deliver a fair and just resolution to this pressing issue, which holds significant implications for the democratic process in Haryana and beyond.

For further updates on the Haryana elections and related events, keep following credible news sources and engage in discussions on social platforms to stay informed about the evolving political landscape.

Big BREAKING हरियाणा चुनाव हुई EVM धांधली की याचिका

हरियाणा चुनावों में EVM धांधली की शिकायतें अक्सर सुनने को मिलती हैं। हाल ही में, इस मामले में एक महत्वपूर्ण याचिका प्रस्तुत की गई थी, जिसे चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने वापस जस्टिस दीपांकर दत्ता के पास भेज दिया। अब इस याचिका की सुनवाई 20 जनवरी 2025 को होगी। यह मामला केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव को समझने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

सुनवाई की नई तारीख का क्या मतलब है?

जब एक याचिका इस तरह से ट्रांसफर की जाती है, तो यह कई सवाल उठाती है। क्या यह प्रक्रिया में कोई अनियमितता है? क्या इस मामले की गंभीरता को समझा गया है? जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने ही आदेश को पालन करवाना था, तो इसे ट्रांसफर करने की क्या आवश्यकता थी? यह सवाल हर किसी के मन में उठता है।

सुनवाई की नई तारीख ने लोगों को और भी चिंतित कर दिया है। क्या यह प्रक्रिया को टालने का प्रयास है? या फिर यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है कि सभी आवश्यक जानकारी सही समय पर एकत्रित की जा सके? यह सब विचार करने का विषय है।

क्या EVM धांधली की शिकायतें सही हैं?

हरियाणा चुनावों में EVM धांधली की शिकायतें कोई नई बात नहीं हैं। जब भी चुनाव होते हैं, तो कुछ लोग अपनी हार का कारण EVM में धांधली को मानते हैं। लेकिन क्या यह सच है? क्या तकनीकी रूप से EVM को हैक किया जा सकता है? या फिर यह सिर्फ एक निराशाजनक मानसिकता है, जो हार के बाद सामने आती है?

इस विषय पर कई विशेषज्ञों की राय है। कुछ का मानना है कि EVM में तकनीकी सुरक्षा बहुत मजबूत है, जबकि अन्य का कहना है कि कोई भी तकनीक 100% सुरक्षित नहीं होती। इस संदर्भ में, [The Wire](https://thewire.in/politics/election-commission-evm-voting) ने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को उठाया है जो इस बहस को और भी गहरा बनाते हैं।

राजनीतिक प्रभाव

हरियाणा में चुनावी धांधली के आरोप केवल चुनावों को प्रभावित नहीं करते, बल्कि यह पूरे राजनीतिक परिदृश्य को भी बदल सकते हैं। जब लोग चुनावों में धांधली होते हुए देखते हैं, तो उनका विश्वास लोकतंत्र पर कम होता है। इससे न केवल राजनीतिक दलों में अस्थिरता आती है, बल्कि आम जनता का राजनैतिक भागीदारी में भी कमी आती है।

पार्टी के नेताओं के लिए यह समय है कि वे जनता के साथ संवाद करें और उनकी चिंताओं को समझें। [Hindustan Times](https://www.hindustantimes.com/cities/haryana-election-evm-issue-what-is-the-political-impact/story-FnwsXH7nV1B7qzG3F4cK8O.html) में इस विषय पर कुछ महत्वपूर्ण विचार दिए गए हैं।

सुनवाई के लिए तैयारी

अब जब सुनवाई की तारीख तय हो गई है, तो सभी पक्षों को अपनी तैयारी करनी होगी। यह महत्वपूर्ण है कि सभी सबूत और दस्तावेज सही तरीके से प्रस्तुत किए जाएं। यह केवल कानूनी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह न्याय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।

हरियाणा के लोगों की नजरें इस सुनवाई पर होंगी। वे जानना चाहते हैं कि क्या सच में EVM में धांधली हुई थी और अगर हाँ, तो इसके खिलाफ क्या कदम उठाए जाएंगे।

क्या हमें उम्मीद करनी चाहिए?

जैसा कि हम 20 जनवरी 2025 की ओर बढ़ते हैं, यह स्पष्ट है कि इस मामले का परिणाम हरियाणा के चुनावी भविष्य को प्रभावित करेगा। क्या यह न्याय होगा या फिर एक और निराशाजनक कहानी? यह तो समय ही बताएगा।

फिलहाल, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इस प्रक्रिया पर नज़र रखें और अपने विचारों को साझा करते रहें। लोकतंत्र की मजबूती के लिए हमारी भागीदारी आवश्यक है।

निष्कर्ष

EVM धांधली की याचिका और इसकी सुनवाई ने हरियाणा की राजनीति को एक नई दिशा दी है। इस विषय पर चर्चा करना और सही जानकारी प्राप्त करना हर नागरिक का अधिकार है। आइए हम सब मिलकर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करें और देखें कि कैसे हम अपने लोकतंत्र को और मजबूत बना सकते हैं।

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