Big BREAKING : Advocate Balraj Malik Leads EVM Protest with Civil Societies! Is Democracy at Risk?
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The recent press conference led by Advocate Balraj Malik, who is the convenor of the #EVM_हटाओ_लोकतंत्र_बचाओ (Remove EVM, Save Democracy) movement, has ignited significant discussions surrounding the credibility of Electronic Voting Machines (EVMs) in India. This event, attended by various civil societies, underscores the rising frustration among citizens regarding the integrity of the electoral process. The movement aims to address widespread concerns about EVMs and their potential impact on democratic practices in the country.
During the conference, Advocate Malik highlighted the increasing distrust in the Election Commission of India, particularly targeting Chief Election Commissioner Rajiv Kumar. Malik’s remarks suggested that Kumar’s reputation has deteriorated to such an extent that parents are reportedly reluctant to name their children after him, reflecting deep-seated public discontent. This statement serves as a metaphor for the growing sentiment that the electoral system, as currently structured, is not serving the interests of the populace.
The #EVM_हटाओ_लोकतंत्र_बचाओ movement has gained traction as citizens call for transparency and accountability in the voting process. Advocates argue that the reliance on EVMs compromises the sanctity of elections, leading to questions about their reliability and susceptibility to tampering. The press conference aimed to unite various civil society groups to voice these concerns collectively, pushing for reforms that would restore trust in the electoral system.
The movement emphasizes the importance of a transparent electoral process, one that ensures every vote is counted accurately and fairly. Proponents of the movement are advocating for a return to paper ballots, which many believe would eliminate the risks associated with electronic voting technology. This call for change resonates with a broader audience, as it taps into fundamental democratic principles that citizens hold dear.
In addition to advocating for electoral reform, the movement also seeks to engage the public through awareness campaigns and educational initiatives. By informing citizens about the potential risks associated with EVMs, the #EVM_हटाओ_लोकतंत्र_बचाओ movement aims to empower voters to demand accountability from their elected officials and electoral bodies.
The press conference also highlighted how the integrity of the electoral process is crucial for the health of democracy in India. Advocates argue that without a trustworthy voting system, the very foundation of democratic governance is at stake. The movement calls for an inclusive dialogue among stakeholders, including government officials, electoral experts, and the public, to address these pressing concerns and explore viable alternatives to EVMs.
In conclusion, the #EVM_हटाओ_लोकतंत्र_बचाओ movement led by Advocate Balraj Malik marks a significant moment in India’s ongoing discourse about electoral integrity. By bringing together civil societies and raising critical questions about the reliability of EVMs, the movement seeks to galvanize public opinion and push for necessary reforms in the electoral process. As discussions continue, it remains to be seen how these efforts will influence future electoral policies and restore confidence in India’s democracy.
Big BREAKING #EVM_हटाओ_लोकतंत्र_बचाओ आंदोलन के संयोजक एडवोकेट बलराज मलिक जी ने देश की सिविल सोसाइटीज के साथ मिलकर EVM के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
चुना आयुक्त राजीव कुमार इतना बदनाम हो चुका हैं कि देश में कोई भी अपने बच्चें का नाम राजीव नहीं रखना चाहता हैं।
हमें… pic.twitter.com/pBHecDyWB3
— Deep Aggarwal (@DeepAggarwalinc) December 27, 2024
Big BREAKING : EVM हटाओ लोकतंत्र बचाओ आंदोलन की प्रेस कॉन्फ्रेंस
हाल ही में, एडवोकेट बलराज मलिक जी ने EVM हटाओ लोकतंत्र बचाओ आंदोलन के संयोजक के रूप में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने देश की विभिन्न सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर Electronic Voting Machines (EVM) के मुद्दे पर चर्चा की। यह आंदोलन भारत के लोकतंत्र को सुरक्षित रखने और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
EVM के प्रयोग पर उठते सवालों ने कई लोगों को चिंतित किया है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य EVM से जुड़े विवादों को उजागर करना और देशवासियों को इस मुद्दे पर जागरूक करना था। बलराज मलिक ने स्पष्ट किया कि EVM का सही उपयोग न केवल चुनावी प्रक्रिया में बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी मजबूत कर सकता है।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की स्थिति
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बलराज मलिक ने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राजीव कुमार इतने बदनाम हो चुके हैं कि अब कोई भी अपने बच्चों का नाम राजीव रखना नहीं चाहता। यह एक गंभीर आरोप है जो बताता है कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
इसके पीछे का कारण यह है कि कई चुनावों में EVM में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। इन आरोपों ने देश की आम जनता में गहरी चिंता पैदा की है। ऐसे में, यह जरूरी है कि चुनाव आयोग इस मामले में पारदर्शिता बरतें और लोगों के सवालों का जवाब दें।
सिविल सोसाइटी का योगदान
EVM हटाओ लोकतंत्र बचाओ आंदोलन में सिविल सोसाइटी का योगदान भी महत्वपूर्ण है। सिविल सोसाइटी हमेशा से लोकतंत्र के लिए एक मजबूत आवाज रही है। बलराज मलिक ने कहा कि सिविल सोसाइटी के लोग इस आंदोलन में शामिल होकर इसे और भी मजबूत बना सकते हैं।
इसी संदर्भ में, उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे इस आंदोलन का हिस्सा बनें और अपनी आवाज उठाएं। सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेकर EVM के मुद्दे पर अपने विचार साझा किए।
लोकतंत्र की रक्षा का महत्व
यह आंदोलन केवल EVM के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की रक्षा का एक प्रयास है। लोकतंत्र की बुनियाद चुनावी प्रक्रिया पर निर्भर करती है, और यदि इस प्रक्रिया में कोई खामी आती है, तो इसका प्रभाव पूरे लोकतंत्र पर पड़ता है।
इसलिए, EVM हटाओ लोकतंत्र बचाओ आंदोलन का उद्देश्य न केवल EVM के मुद्दे को उठाना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव प्रक्रिया में हर एक वोट का महत्व हो।
आगे का रास्ता
आंदोलन के संयोजक बलराज मलिक ने कहा कि वे आगे भी इस मुद्दे को उठाते रहेंगे और लोगों को जागरूक करते रहेंगे। इसके लिए वे विभिन्न मंचों पर बात करेंगे और चुनाव आयोग से उचित कदम उठाने की मांग करेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, यह साफ हो गया कि EVM के मुद्दे पर बहस अभी खत्म नहीं हुई है। बलराज मलिक और सिविल सोसाइटी का यह प्रयास एक लंबी लड़ाई की शुरुआत है, जो भारत के लोकतंत्र को और भी मजबूत बनाने में सहायक होगी।
समुदाय की जिम्मेदारी
इस मुद्दे पर केवल संगठनों का ही नहीं, बल्कि हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है। हमें अपनी आवाज उठानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे लोकतंत्र की रक्षा हो।
हमें याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र केवल एक चुनावी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह हमारी जिम्मेदारी भी है। हम सभी को मिलकर इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहिए और बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।
EVM के खिलाफ उठते सवाल
EVM के प्रति बढ़ती चिंता और सवाल सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक भी हैं। जब लोग अपनी पसंद के अनुसार सही प्रतिनिधि का चुनाव नहीं कर पा रहे हैं, तो यह हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर एक बड़ा प्रश्न चिह्न है।
इसलिए, EVM हटाओ लोकतंत्र बचाओ आंदोलन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमारे लोकतंत्र को सुरक्षित रखने की दिशा में एक प्रयास है।
एकजुटता का संदेश
इस आंदोलन का एक महत्वपूर्ण संदेश यह है कि जब हम एकजुट होते हैं, तो हम बड़े बदलाव ला सकते हैं। बलराज मलिक और उनकी टीम ने यह साफ कर दिया है कि वे किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटेंगे और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
इसलिए, हम सभी को मिलकर इस आंदोलन को समर्थन देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे लोकतंत्र की आवाज सुनाई जाए।
यदि आप इस आंदोलन के बारे में और जानना चाहते हैं या इसमें भाग लेना चाहते हैं, तो आप [यहाँ](https://twitter.com/hashtag/EVM_%E0%A4%B9%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%93_%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%A4%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0_%E0%A4%AC%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%93?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw) और [यहाँ](https://t.co/pBHecDyWB3) पर और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
EVM हटाओ लोकतंत्र बचाओ आंदोलन केवल एक राजनीतिक मुहिम नहीं है, बल्कि यह हमारे अधिकारों की रक्षा का एक प्रयास है।